Class 10 Hindi: Alankar | आर्थालंकार के प्रकार, उदाहरण, Notes, PYQs for CBSE | Toppers Hub

Class 10 Hindi Alankar | उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति और मानवीकरण अलंकार with Definition, Examples & PYQs

Class 10 Hindi: Alankar


✦ परिचय (Introduction)

हिंदी व्याकरण में अलंकार का अर्थ है — भाषा की शोभा या सुंदरता बढ़ाने वाला तत्व
जैसे गहने शरीर को सुंदर बनाते हैं, वैसे ही अलंकार कविता और भाषा को प्रभावशाली बनाते हैं।

कक्षा 10 सीबीएसई पाठ्यक्रम में केवल पाँच आर्थालंकार (Arth Alankar) पढ़ाए जाते हैं:

उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति और मानवीकरण।

इन अलंकारों के माध्यम से भाषा में भाव, कल्पना, और सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।


✦ आर्थालंकार की परिभाषा (Definition of Arth Alankar)

जब किसी वाक्य या कविता में शब्दों के अर्थ या भावों की सुंदरता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयोग किया जाए, तो उसे आर्थालंकार कहा जाता है।


✦ कक्षा 10 के 5 आर्थालंकार (Arth Alankar for Class 10 Hindi)

आर्थालंकार के प्रकार



1️⃣ उपमा अलंकार (Upma Alankar)

परिभाषा:
जब किसी वस्तु या व्यक्ति की स्पष्ट तुलना किसी अन्य वस्तु से सादृश्य (similarity) के आधार पर की जाए, तो उपमा अलंकार होता है।

पहचान शब्द: जैसे, समान, के समान, सा, के जैसा

उदाहरण:

  • वह चाँद जैसी सुंदर है।
  • विद्यार्थी सीप के समान मेहनती है।

व्याख्या: यहाँ सुंदरता की तुलना चाँद से की गई है, इसलिए यह उपमा अलंकार है।

PYQ (CBSE 2023):
“वह मोर के समान नाचता है” — इसमें कौन-सा अलंकार है?
👉 उत्तर: उपमा अलंकार।


2️⃣ रूपक अलंकार (Rupak Alankar)

परिभाषा:
जब किसी वस्तु की तुलना बिना जैसे, समान, के समान जैसे शब्दों के सीधे की जाए, तो रूपक अलंकार होता है।

पहचान: उपमा शब्दों का प्रयोग नहीं होता, सीधी समानता होती है।

उदाहरण:

  • माँ स्नेह का सागर है।
  • वह चाँद है मेरे जीवन का।

व्याख्या: यहाँ व्यक्ति को सीधे चाँद कहा गया है — इसलिए यह रूपक अलंकार है।

PYQ (CBSE 2022):
“वह मोर है” — यह किस अलंकार का उदाहरण है?
👉 उत्तर: रूपक अलंकार।


3️⃣ उत्प्रेक्षा अलंकार (Utpreksha Alankar)

परिभाषा:
जब किसी वस्तु की कल्पना या संभावना किसी दूसरी वस्तु के समान होने के रूप में की जाती है, तो उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

पहचान शब्द: मानो, जैसे कि, लगता है, प्रतीत होता है आदि।

उदाहरण:

  • फूल मानो मुस्कुरा रहे हों।
  • बादल जैसे पर्वत को ढक लेना चाहते हों।

व्याख्या: यहाँ कल्पना के माध्यम से समानता व्यक्त की गई है — इसलिए यह उत्प्रेक्षा अलंकार है।

PYQ (Sample Paper 2024):
“फूल मानो हँस रहे हों” — यह किस अलंकार का उदाहरण है?
👉 उत्तर: उत्प्रेक्षा अलंकार।


4️⃣ अतिशयोक्ति अलंकार (Atishyokti Alankar)

परिभाषा:
जब किसी वस्तु, व्यक्ति या भाव की अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रशंसा या निंदा की जाए, तो वह अतिशयोक्ति अलंकार कहलाता है।

पहचान:
जिसमें असंभवता दिखे, परंतु अर्थ स्पष्ट हो।

उदाहरण:

  • उसकी आवाज़ बिजली जैसी गूँजती है।
  • वह तो पहाड़ जैसा बलवान है।
  • माँ का प्यार सागर से भी गहरा है।

व्याख्या: यहाँ भावों को बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया है, अतः यह अतिशयोक्ति अलंकार है।

PYQ (CBSE 2021):
“तेरी मुस्कान से जग रोशन हो जाए” — यह कौन-सा अलंकार है?
👉 उत्तर: अतिशयोक्ति अलंकार।


5️⃣ मानवीकरण अलंकार (Manvīkaraṇ Alankar)

परिभाषा:
जब निर्जीव वस्तुओं या प्रकृति को मानव गुण या क्रियाएँ दी जाती हैं, तो वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।

पहचान:
निर्जीव वस्तु को मानो जीवित व्यक्ति की तरह दर्शाया जाता है।

उदाहरण:

  • सूरज हँसकर निकल आया।
  • हवा गुनगुना रही है।
  • धरती माँ मुस्कुरा उठी।

व्याख्या: यहाँ हवा, धरती और सूरज को मानवीय गुण दिए गए हैं — इसलिए यह मानवीकरण अलंकार है।

PYQ (CBSE 2020):
“चाँद मुस्कुराया, तारे नाचे” — यह कौन-सा अलंकार है?
👉 उत्तर: मानवीकरण अलंकार।


✦ सारांश (Summary Table)

क्रमआर्थालंकारपरिभाषापहचान शब्दउदाहरण
1उपमासमानता के आधार पर तुलनाजैसे, समान, सावह चाँद जैसी सुंदर है।
2रूपकबिना उपमा शब्दों के सीधी समानतामाँ स्नेह का सागर है।
3उत्प्रेक्षाकल्पना के रूप में समानतामानो, जैसे किफूल मानो मुस्कुरा रहे हों।
4अतिशयोक्तिबढ़ा-चढ़ाकर कहनाउसका कद आसमान छूता है।
5मानवीकरणनिर्जीव को मानव गुण देनाहवा गुनगुना रही है।

✦ अभ्यास प्रश्न (Important Questions for Practice)

1 मार्क / 2 मार्क प्रश्न:

  1. उपमा और रूपक में क्या अंतर है?
  2. उत्प्रेक्षा अलंकार की पहचान कैसे की जाती है?
  3. अतिशयोक्ति अलंकार का एक उदाहरण दीजिए।
  4. “धरती मुस्कुराई” में कौन-सा अलंकार है?
  5. “माँ स्नेह का सागर है” — इसमें कौन-सा अलंकार है?

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 Marks):

  1. पाँचों आर्थालंकारों की परिभाषा और उदाहरण लिखिए।
  2. कविता में अलंकारों की आवश्यकता क्यों होती है, समझाइए।
Note: For Parctcice only, not asked in board paper.
नोट: केवल अभ्यास के लिए, बोर्ड पेपर में नहीं पूछा गया।

✦ Previous Year Questions (PYQs – CBSE Board)

Q1. (CBSE 2022)
“फूल मानो हँस रहे हों” — कौन-सा अलंकार है?
👉 उत्प्रेक्षा अलंकार।

Q2. (CBSE 2023)
“धरती माँ मुस्कुरा उठी” — कौन-सा अलंकार है?
👉 मानवीकरण अलंकार।

Q3. (Sample Paper 2024)
“माँ स्नेह का सागर है” — कौन-सा अलंकार है?
👉 रूपक अलंकार।

Q4. (CBSE 2021)
“तेरी मुस्कान से जग रोशन हो जाए” — कौन-सा अलंकार है?
👉 अतिशयोक्ति अलंकार।


✦ परीक्षा टिप्स (Exam Tips for Students)

  • हर अलंकार की परिभाषा + उदाहरण याद करें।
  • पहचान शब्दों को रेखांकित करें (जैसे “जैसे”, “मानो” आदि)।
  • PYQs का नियमित अभ्यास करें।
  • उत्तर लिखते समय पहले अलंकार का नाम, फिर परिभाषा, और उदाहरण लिखें।


✦ निष्कर्ष (Conclusion)

अलंकार भाषा का श्रृंगार हैं जो कविता और लेखन को सुंदर, प्रभावशाली और भावपूर्ण बनाते हैं।
कक्षा 10 में आने वाले पाँच आर्थालंकार —
👉 उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, और मानवीकरण
हर विद्यार्थी को अच्छी तरह याद होने चाहिए। इनकी समझ से न केवल व्याकरण में बल्कि कविता व्याख्या और साहित्यिक प्रश्नों में भी अच्छे अंक मिलते हैं।

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